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पुरे पती का नाम रमीश है, मेरा शरीर एकटम गोरा, चिकना और हौट है. बदन का साइस 33, 28, 34 है. मेरे जिसम का साइस देखकर आप समझ गये होंगे कि मैं क्या चीज हूँ.
यही हाल मेरे पती के दोस्तों का होता है. जब मेरी शादी हुई थी, तब मैं बिल्कुल वर्चिन अन्छूई माल थी. और सुहागरत को मेरी पहली बार दमदार चुदाई हुई थी, और मैं दर्ध की वज़से बहुत रूई थी.
मेरे पती का लंड बहुत बड़ा, मोटा और शाइद आठ हिंच का है. उन्होंने मेरी चीक, पुखार, कुहार कुछ नहीं सुनी. मैं रोती रही और वो पूरी रात चूदते रहे. दो-तिन रातों तक मेरी बिचारी चूद की ऐसी बेरहम चुदाई चलती रही.
फिर मेरी गांड में जब लंड खुसा, तो भी मैं दर्द के मारे बहुत रूई, चिलाई, पर पती के लंड की भूख नहीं मिटी, और रफ, हाट, ब्रूटल चुदाई की आदत होगी. मेरे पती का जब भी मन करता, मुझे नंगी करके चूदते, क्योंकि हम घर में दो ही
लोग थे. तीन साल बाद, एक दिन, जब मेरे पती ने अपने कुछ दोस्तों को घर पर खाने के लिए इंवाइट किया. उनके नाम रहीं, हरीष, दीपक, और सुरीश, और एक और था. साब हटे-कटे. उस दिन मैंने लाल रंकी साडी पहनी थी, जिसमें मेरी गहरी नाभ